जमशेदपुर : झारखंड के मध्य उत्तर पूर्वी और दक्षिण भाग में कहीं-कहीं पूर्वानुमान के मुताबिक आज गुरुवार, 14 अक्टूबर को सुबह से ही बारिश शुरू हो गई है। शारदीय नवरात्रि के नवमी बेला पर हुए बारिश को शुभ माना जा रहा है। यह बारिश शहर समेत पूरे कोल्हान में कहीं कम कहीं ज्यादा हो रही है। हालांकि मौसम के मिजाज में बदलाव से दुर्गा पूजा के अंतिम दिन घूमने की मंशा लिए भक्तों पर पानी फिर गया है। आज पूजा घूमने को लेकर प्लानिंग करने वाले भक्तों को निराशा हो रही है। हालांकि अभी दिन के साथ पूरी रात बाकी है। बारिश रुकने के साथ ही श्रद्धालु एक बार फिर पंडालों की ओर रुख करेंगे । मौसम विभाग के अनुसार झारखंड में लोकल क्लाउड फार्मेशन के कारण मौसम में बदलाव हुई है। अंडमान समुद्र और बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 36 घंटों में मार्क हो जाने की संभावना है। इसके बाद ये उत्तर-उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्र पर टकरा सकता है। इसके कारण आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में भारी बारिश की संभावना है। वहीं इसका असर झारखंड अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहा है।
झारखंड में मानसून की हो चुकी है विदाई, 1043 मिलीमीटर हो चुकी है बारिश
झारखंड से दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई सोमवार को हो गई। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस वर्ष राज्य में मानसून की स्थिति काफी बेहतर रही। एक जून से 30 सितंबर तक 1043 मिमी बारिश हुई। जबकि, इस अवधि में राज्य में सामान्य बारिश 1054.7 मिमी अपेक्षित होती है। इस बार हुई बारिश रिकार्ड बारिश से केवल एक प्रतिशत कम है। रांची में मानसून की अवधि में 1074.6 मिमी बारिश अपेक्षित है। जबकि इस अवधि में रांची में 1213.9 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। ये सामान्य से 13 प्रतिशत ज्यादा है। एक जून से 30 सितंबर तक राज्य में सबसे ज्यादा बारिश लोहरदगा में दर्ज की गई, जो सामान्य से 49 प्रतिशत ज्यादा है। राज्य में सबसे कम बारिश पाकुड़ में दर्ज की गई। यहां सामान्य से 36 प्रतिशत कम बारिश हुई।