पाकिस्तान को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक शर्त रखी है जिसके अनुसार दो वर्षों में पाकिस्तान को 700 अरब रुपये का टैक्स छूट वापस लेना होगा ।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफ़ी डगमगा चुकी है । आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान की दोहरी मानसिकता के चलते वैश्विक स्तर पर उसे व्यापार नहीं मिल है । नतीजा देश के भीतर महंगाई चरमसीमा पर पहुंच चुकी है । कंगाल पाकिस्तान को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)ने एक शर्त रखी है जिसके अनुसार दो वर्षों में पाकिस्तान को 700 अरब रुपये का टैक्स छूट वापस लेना होगा । आईएमएफ के शर्त पर पाकिस्तान ने अपनी सहमति दे दी है । टैक्स छूट वापस लेने के कारण पाकिस्तान में महंगाई और आसमान पर पहुंच जाएगा ।
डॉन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान दो वर्ष में 700 अरब रुपये का टैक्स छूट वापस लेगा । आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान के इस कदम से बिजली और गैस की कीमतें बढ़ेंगी । इससे पाकिस्तान में और भी महंगाई बढ़ेगी ।
बुधवार को अपनी चर्चाओं के दौरान, दोनों पक्षों ने अगले वित्त वर्ष, 2019-20 के लिए लगभग 11 बिलियन डॉलर का फाइनेंसिंग गैप किया । इसके तहत, सरकार 2019-20 के बजट में 350 अरब रुपये के आसपास विभिन्न करों में दी गई छूट वापस लेना शुरू कर देगी ।