जमशेदपुर : नवरात्र के महाषष्ठी बेला पर शहर के अधिकांश पंडालों का उद्घाटन के साथ ही मां दुर्गा के प्रतिमा का अनावरण भी हो गया. इससे पहले सुबह से शाम तक पंचमी व षष्ठी की पूजा अलग-अलग समय पर मुहुर्त के अनुसार मंत्रोच्चारण के साथ पूजा हुआ। इस दौरान कोविड के नियमों का पूरा ख्याल पूजा समिति द्वारा किया जा रहा है। लोगों में उत्साह का माहौल है,आज मंगलवार को महासप्तमी के साथ ही तीन दिनों तक चलने वाले विशेष पूजा शुरु हो जाएगी. वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत कई अनुष्ठान पुरोहितों द्वारा कराया जाएगा। इसके साथ ही मां दुर्गा का पट भी खुल जाएगा। हालांकि षष्ठी बेला से ही शहर के पूरे वातावरण में या देवी सर्वभूतेषी शक्ति रुपेण संस्थिता, नमस्तस्यीय-नमस्तस्यीय नमो नम: मां के मंत्रोच्चारण व श्लोक से गुंजायमान है। भक्ति भाव से श्रद्धालु सरावोर हैं। बुधवार को महाष्टमी है. नवरात्र के दिन महाष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं देवी दुर्गा को भोग की थाली समर्पित करती है। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर मां का आर्शिवाद लेती हैं, हालांकि थाली पूजा को लेकर संशय बना हुआ है। इस दौरान पूजा अर्चना के बाद हरेक भक्त पुष्पांजलि लेना नही भूलते हैं।पुष्पांजलि के माध्यम से मां पूरे परिवार को आर्शिवाद देती हैं। इसके लिए पूजा समिति को विशेष व्यवस्था करनी होती है, जबकि गुरुवार को महानवमी है, संधी पूजा से लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान संपन्न होंगे। पूजा के अंतिम दिन शुक्रवार को मां दुर्गा का विसर्जन धूमधाम से नदी-घाटों मेंं किया जाएगा।आबार आसो मां के संदेश के साथ ही नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति उपासना की पूजा संपन्न हो जाएगी।
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