राज्य स्तरीय कृषि सम्मेलन : किसानों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया गया -डॉ रामेश्वर उरॉव

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राज्य स्तरीय कृषि सम्मेलन : किसानों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया गया -डॉ रामेश्वर उरॉव

जमशेदपुर/राँची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वान पर राज्य स्तरीय कृषि सम्मेलन का आयोजन प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरॉव , माननीय मंत्री वित्त, खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य विभाग के नेतृत्व में आयोजित किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप माननीय मंत्री झारखंड सरकार श्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख , कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश शामिल हुए। जिला अध्यक्ष बिजय खॉ के नेतृत्व में जिला पदाधिकारी, प्रखण्ड अध्यक्षगण एवं कांग्रेस नेताओं के साथ कृषि सम्मेलन में ससमय शामिल हुए। जिसमें ब्रजेन्द्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, ज्योतिष यादव, विनोद रजक प्रखण्ड अध्यक्ष, सनातन भकत, अभय सिंह, विवेक कुमार, गुरप्रीत सिंह शामिल हुए। कृषि सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष, मंत्रीगण, विधायकगणों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि डॉ रामेश्वर उरॉव ने कहा कि किसानों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया गया है। किसानों की आजीविका पर क्रुर हमला किया है। इन तीनों कानूनों से किसानों को नही बल्कि पुंजीपतियों को सीधा लाभ होगा। कानून लाने से पहले किसान संगठनों से किसी प्रकार का राय नही लिया गया। संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध के बावजूद भाजपा सरकार ने जबरन कृषि कानून पास कराया। इन काले कानूनों से किसानों को सिर्फ नुकसान ही नुकसान होंगे।
पहले कानून के व्दारा : अनाज भंडारण की सीमा कानून समाप्त कर दी गई है।
दूसरे कानून के व्दारा : सरकारी कृषि मंडियों / बाजार ध्वस्त हो जाएगी।
तीसरे कानून के व्दारा : पुंजीपति/ नीजि निवेशक / कम्पनीयाँ किसानों के साथ अपने शर्तों पर व्यावसायिक समझौते करेंगे। किसान अपने खेत में ही मजदूर बना दिए जाएंगे। समझौते (कन्ट्रेक्ट) में किसी प्रकार का विवाद होने पर किसानों को अफ्सरशाही एवं आदालतों के चक्कर काटने पडेंगे। इससे किसानों का शोषण तथा जमीन हड़प लिए जायेंगे।

जिला अध्यक्ष बिजय खॉ ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरॉव जी, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश एवं स्वास्थ्य मंत्री माननीय बन्ना गुप्ता के आह्वान पर पूर्वी सिंहभूम के सभी प्रखण्ड कमिटी के व्दारा कृषि बिल वापस लेने हेतु बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चला रही है। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा, स्वागत भाषण प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सम्मेलन का प्रतिवेदन निरज खलको ने प्रस्तुत किया। 1917 में महात्मा गाँधी जी के व्दारा किसान विद्रोह आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह, 1918 में महात्मा गाँधी एवं सरदार पटेल के अगुवाई में किसानों पर लगान बढ़ोतरी के विरुद्ध गुजरात में खेड़ा सत्याग्रह, 1928 में सरदार पटेल के अगुवाई में जुल्म एवं लगान वृद्धि के खिलाफ “बारडोली सत्याग्रह” किया, इसी आंदोलन सफल सत्याग्रह आंदोलन के बाद महिलाओं ने बल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की। कृषि को मजबूत करने हेतु पंजाब के भाखडा नांगल डैम, झारखंड के मैथन डैम, ओडिसा के हीराकुंड डैम, उतराखंड में टिहरी डैम, तमिलनाडु में कालानई डैम, कर्नाटक में तुंगभद्रा डैम, उत्तर प्रदेश में रिहंद डैम, मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर डैम, गुजरात में सरदार सरोवर डैम, तेलंगाना में नागार्जुन डैम आदि सैकड़ों छोटे बड़े डैम का संरचना को कांग्रेस पार्टी ने धरातल पर उतारा है।

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