● कुणाल षाड़ंगी ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से बात कर हल निकालने का आग्रह किया
जमशेदपुर : घाटशिला अनुमंडल के कुछ ऐसे विद्यर्थियों ने बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी से मुलाकात किया जिनका औरिजिनल प्रमाण पत्र तमिलनाडु के नेशनल पोलिटेकनीक कॉलेज ने जब्त कर लिया है। उनका कहना है कि इस समस्या से झारखंड के हज़ारों विद्यार्थी जूझ रहे हैं। उन सभी विद्यर्थियो का भविष्य अंधकारमय है। शुरुआती दौर में कुछ विद्यर्थियो ने अपने प्रतिनिधियों के पास समस्या रखी पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। विदित हो कि दक्षिण के कई कॉलेजों में झारखण्ड के विद्यार्थी डिप्लोमा और इंजीनियरिंग में नामांकन के लिए गए थे इस भरोसे के साथ की उनकी फीस झारखंड सरकार वहन करेगी। कुछ दिन सरकार से मदद मिली भी किंतु 2018 से सरकार के तरफ से मदद बंद हो गई क्योंकि बड़े पैमाने पर काग़ज़ी और फर्जी संस्थानों ने सरकारी पैसे को दुरुपयोग किया था जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने कोई कॉलेजों पर प्रतिबंध लगाया था। किसी तरह गरीब बच्चों के अभिभावकों ने बैल-बकरी, बर्तन बेचकर कुछ फ़ीस तो भुगतान किया किंतु आज तक उनलोगों को फाइनल डिग्री नहीं मिली। साथ ही सभी का मैट्रिक व इंटर के ऑरिजिनल प्रमाण पत्र जब्त कर रखे गये हैं। वे सभी बच्चे आज के समय में डिग्री के मामले में ज़ीरो हो चुके हैं लेकिन सर्टिफिकेट होने से वे सभी ग्रेजुएट हो गये होतें। कुणाल षाड़ंगी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से बात की। उन्होंने कहा कि चुकी मामला दो राज्यों की बीच का है अतः मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम से आवेदन तैयार किया जाए और आसपास के जीतने भी विद्यार्थी प्रभावित है वे सभी अपनी समस्या रखें और हस्ताक्षर करें। वो बच्चों को न्याय दिलाने की भरपूर कोशिश करेंगे।
इधर घाटशिला महाविद्यालय में एनसीसी के बच्चों ने भी पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी से मिलाकत किया। उन्होंने छात्रों को बेहतर करियर और जीवन के टिप्स दिये। विद्यर्थियों ने एनसीसी में सीट बढ़ाने में मदद करने का आग्रह किया तो कुणाल षाड़ंगी ने कोल्हन यूनिवर्सिटी के वीसी गंगाधर पंडा से फोन पर बात की। वीसी ने आश्वस्त किया कि कॉलेज का आवेदन मिलने पर एनसीसी में सीट बढ़ाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों से बात करेंगे और सीटें ज़रूर बढ़ाई जाएंगी। मौके पर भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष राहुल पांडेय, डॉ. नरेश कुमार, प्रो. इंदल पासवान, सुब्रोतो दास, मंगल टुडू, सुदाम् हेम्ब्रम्, रमेश सोरेन आदि लोग उपस्थित रहे।