झारखंड के रामगढ़ के पास प्राचीन शिव मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा की नाभि से निकल रही गंगा भगवान शंकर का जलाभिषेक करती है : धर्म चंद्र पोद्दार

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जमशेदपुर : प्राचीन रहस्यमयी शिव मंदिर की जानकारी मिलते ही श्रावण पूर्णिमा संवत २०७८ तदनुसार दिनांक 22 अगस्त 2021 (रविवार) को आनन-फानन में कार्यक्रम बना और भगवान शंकर के अद्भुत मंदिर के दर्शन के लिए वहां जाना हो सका ।

 

प्राचीन शिव मंदिर टूटी झरना के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि झारखंड के रामगढ़ के पास प्राचीन शिव मंदिर है । उस मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा है और उस प्रतिमा की नाभि से जो गंगा निकल रही है वह सीधे भगवान शंकर का जलाभिषेक करती है ।

कहा कि यह सिलसिला हजारों साल से चल रहा है । यह जल कहां से आता है अभी तक यह एक रहस्य बना हुआ है । कहा कि अंग्रेजों ने भी इस रहस्य को जानने का बहुत प्रयास किया था ।

अनेकों बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन कोई नहीं जान सका । यह रहस्यमयी मंदिर है और यहां चौबीसों घंटे और साल में 365 दिन बराबर मां गंगा भगवान शिव का जलाभिषेक करते रहती है ।

कहा कि यहां जो लोग भी अपनी मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है ।

पोद्दार ने बताया कि यह हमारा सौभाग्य रहा कि हम श्रावण पूर्णिमा के दिन इस मंदिर में पहुंच सके और यहां इस अद्भुत दृश्य को देख सकें और भगवान शंकर का दर्शन कर सकें ।

कहते हैं यहां नाग-नागिन का जोड़ा भी आता है और लोगों को उनके भी दर्शन होते हैं ।
लेकिन ऐसा कभी-कभी ही हो पाता है । बताया कि वहां जो देखा वह अचंभित कर देने वाला है ।

पोद्दार ने कहा कि हम इस मामले को झारखंड सरकार के पास उठा रहे है जिससे इस मंदिर का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार हो सके और फिर यहां टूरिस्ट के आने से यहां की गरीब आदिवासी जनता का भला हो सकेगा और उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकेगे ।

कहा कि उन्हें मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में जो मंदिर की कमेटी है उसके अध्यक्ष भुवनेश्वर महतो जी है ।श्री महतो ने कहा कि किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया । यह राज्य व क्षेत्र के निवासियों का दुर्भाग्य है ।कहा कि लोग देहरादून , मसूरी आदि स्थानों पर जाते हैं , उसी प्रकार लोग यहां भी आएंगे ।इस प्रकार इस क्षेत्र के लोगों की रोजी-रोटी की समस्या समाप्त होगी।  ठहरने के लिए होटल में खुल जाएंगे । खाने पीने की दुकानें खुल जाएगी । यहां के गरीब आदिवासी व पिछड़े वर्ग के लोगो को रोजगार मिल सकेगा । छोटी-छोटी दुकानें भी करेंगे तो उससे अपना जीवन यापन कर सकेंगे ।

पोद्दार ने कहा कि यह लुभावना व दर्शनीय स्थल है । यहां दृश्यावली भी बहुत सुंदर है ।
इस प्रकार से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिल सकेगा ।

उपरोक्त सारी जानकारी बिल्कुल सत्य है और इस बारे में मंदिर के पुजारी शैलेश कुमार पांडेय जी से भी बात हुई जिन्होंने इस सारी जानकारी की पुष्टि की है । श्री पोद्दार ने यह भी बताया कि शीघ्र ही वे स्थानीय सांसद श्री विद्युत वरण महतो जी से मिलकर इस मामले को पार्लियामेंट में उठवाएंगे और फिर भारतीय पुरातत्व विभाग एवं पर्यटन विभाग इस पर काम कर सकेगा । यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति में दी गई है ।

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