मधुबनी । चार दिवसीय आस्था का महान पर्व छठ 8 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। दीपावली के बीतने के साथ ही लोग छठ पूजा की तैयारी में लग गए हैं। छठ को लेकर बांस से बने बर्तन की मांग काफी बढ़ गई है। लोगों की इसी जरूरत को देखते हुए बांस से बर्तन निर्मित करने वाले लोगों ने ढाकी, कोरिया, डलिया आदि का निर्माण कर बाजार को सजा दिया है। विगत वर्ष की तुलना में सभी सामान पर 25 से 50 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पंडित संतोष चन्द्र प्रभाकर ने बताया कि सोमवार को नहाय-खाय के साथ विधिवत छठ पूजा शुरू हो जाएगी। वहीं, मंगलवार को खरना होगा। इसके बाद बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा जबकि गुरुवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का समापन होगा। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य 5:30 मिनट पर तो वहीं, उदयगामी सूर्य को 6:35 पर अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त है। वहीं, महापर्व को लेकर घाट की सफाई शहर सहित ग्रामीण इलाकों में जोर-शोर से चल रही है। पंडित अमरनाथ ने यह भी कहा कि सूर्य देव की पूजा यूं तो पुरे विश्व में होती है लेकिन डूबते हुए सूर्य को पूजने की प्रथा बिहार से ही प्रचलित हुई है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य के प्रकाश से ही चंद्र सहित अन्य ग्रह की चमक बरकरार है। भगवान सूर्य के कारण ही दिन व रात का वर्गीकरण संभव हो पाता है।