जमशेदपुर: एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाँ पवन पाण्डेय ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आदिवासी समुदाय के लिए एक ही बार जाती प्रमाण पत्र बनाकर उसे सभी जगह मान्य करने का सरकारी दिशानिर्देश जारी किया गया उसके लिए उन्हें बधाई दिया । कि उन्होंने वर्षों से आदिवासी समाज के बच्चों को विभिन्न स्थानों में चाहें स्कूल में नामांकन के समय यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के समय या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के समय या नौकरी के समय या पद्दोन्नति के समय हर समय उनको बार बार से जाती प्रमाण पत्र बनवाकर जमा करना पड़ता था।क्योंकि इन सभी जगह हर बार ओरिजनल प्रमाण पत्र ही जमा करने का प्रवाधान था।जिसे आपने बदलकर एक बार ही जाती प्रमाण पत्र बनवाकर सभी जगहों पर उसके काँपी को जमा करने का निर्देश जारी किया है।जो कि स्वागतयोग्य हैं।और इससे आदिवासी समाज के लोगों को बहुत लाभ मिलेगा।परन्तु विडम्बना यह है कि झारखंड में जाती प्रमाणपत्र हिंदी में जारी होता है।और विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के बजाय अंग्रेजी में बना हुआ प्रमाणपत्र की मांग की जाती हैं।जिससे कई अभियार्थीयो को आखिरी वक्त में केवल हिंदी में जारी जाती प्रमाण पत्र कि वजह से अपनी नौकरी गवानी पडती हैं।अतः आपसे विन्रम निवेदन है कि सरकार की ओर से यह भी दिशानिर्देश जारी किया जाए कि जाती प्रमाण पत्र किस भाषा में निर्गत होगा तथा वह सभी जगह मान्य होगा।क्योंकि हमारे देश सहित हमारे झारखंड राज्य के तकरीबन सभी कार्य हिंदी में ही होते हैं।और झारखंड के सभी लोग अन्य भाषाओं के मुकाबले में हिंदी लिखने पढने और समझने में ज्यादा सक्ष्म भी है।क्योंकि अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश जी ने भी यह टिप्पणी किया था कि हमारे देश में सभी न्यायिक प्रक्रिया कि प्रति अँग्रेजी मे निकलती है जिसे देश की लगभग 80% जनता समझ नहीं पाती है।इसलिए हिंदी का प्रयोग होना चाहिए ताकि निर्णय सभी देश वासीयों को समझ आए।
आदिवासी समुदाय के लिए एक बार जाति प्रमाण पत्र बनाकर उसे सभी जगह मानी करने की सरकारी दिशा निर्देश दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई
