जमशेदपुर : उपायुक्त सूरज कुमार द्वारा आज काशीडीह के 95 वर्ष पुरानी मंदिर से भक्तों में प्रसाद वितरण को जबरन रोके जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया।इस संबंध में वीडियो वायरल होने के बाद जंगल में आग की तरह यह खबर फैल गई और लोग काशीडीह दुर्गापूजा पंडाल की ओर चल पड़े. देखते ही देखते कई पूजा पंडाल के पदाधिकारी व हिन्दूवादी संगठन के लोग उमड़ पड़े और जिला प्रशासन के इस रवैया की निंदा होने लगी।
हुआ यूं कि दोपहर लगभग डेढ़-दो बजे उपायुक्त पूरे लाव-लश्कर के साथ काशीडीह दुर्गा जी की मंदिर पहुंचे और स्वयं सडक़ पर उतरकर लोगों को खदेडऩे लगे। साथ ही मंदिर में कतारवद्ध होकर प्रसाद ले रहे लोगों को भी खदेड़ा जाने लगा।इसकी जानकारी दुर्गापूजा कमिटी के संरक्षक अभय सिंह को लगते ही वे पहुंचे और उपायुक्त से इसका कारण पूछा. इस दौरान दोनों के बीच गर्मागर्म बहस होने लगी. उपायुक्त जहां सरकारी गाइडलाइन पालन करने की दुहाई देने लगे, वहीं अभय सिंह ने भी तर्क रखा कि कतारवद्ध होकर लोग भोग लेकर घर जा रहे हैं. उनके साथ इस तरह का बुरा बर्ताव जिला दंडाधिकारी को शोभा नहीं देता. अभय सिंह का तर्क था कि जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन को पहले कमिटी के साथ वार्ता करनी चाहिये थी, फिर नहीं मानने पर कार्रवाई करती. लेकिन ऐसा नहीं कर वहां कतारवद्ध होकर प्रसाद ले रहे लोगों को डराया-धमकाया गया और उन्हें खाली हाथ घर भेज दिया गया. इसी क्रम में अभय सिंह ने उपायुक्त से सवाल दागा कि कोरोना गाइडलाइन का कितना पालन हो रहा है, वह सभी देख रहे हैं. कई मस्जिद अतिक्रमण कर बनाया जा रहा है, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अभय सिंह बार बार कह रहे थे कि उनको बेइज्जत किया जा रहा है। उन्होंने यदि गलती की हैतो उनको गोली मार दी जाए। अभय सिंह ने कहा कि उन्होंने पूरे गाइड लाइ्रन का पालन किया है। कहीं मेला नहीं लगा। माइक नहीं बच रहा लाइटिंग नहीं की गयी। वे खुद गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं लेकिन मंदिर में आकर इस तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिये। यह आस्था के साथ खिलवाड़ है। अभय सिंह बार बार कहते रहे कि आप सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि आप राजनीति की बात न करें।
प्रशासन पहले माफी मांगे, फिर विसर्जन

इस घटना से आहत अभय सिंह ने कहा कि शहर में पहली बार ऐसा हुआ कि कोई जिला दंडाधिकारी मंदिर में आकर कतार को तोडक़र भक्तों को बेइज्जत कर भगा रहे हैं. यह काफी खेदजनक है. इसलिये काशीडीह की प्रतिमा का तबतक विसर्जन नहीं होगा, जबतक जिला प्रशासन उक्त कृत्य के लिये माफी नहीं मांगेगा. वे आज शाम को काशीडीह दुर्गापूजा पंडाल में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
श्री सिंह ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या हिन्दू होना या दुर्गा जी की पूजा करना पाप हो गया है. इस तरह एक प्रशासनिक अधिकारी को मंदिर में आकर ताकत की नुमाइश करना शोभा नहीं देता. उन्होंने शहर के सभी हिन्दूवादी संगठन व जन प्रतिनिधियों से सहयोग मांगा है. कहा कि यहां कोई न रेस्टोरेंट खुले थे और न ही शराब दुकानें खुली थी. मंदिर से अगर प्रसाद बांटना अपराध हो गया तो जिला प्रशासन को यह बताना चाहिये कि आखिर कहां से भोग वितरण किया जाए. उन्होंने दोहराया कि वे अब प्रतिमा विसर्जन नहीं करने की बात पर अड़े रहेंगे, प्रशासन चाहे तो जबरन प्रतिमा का विसर्जन करवा दें. उन्होंने जिला प्रशासन से सवाल किया कि आखिर वे किसके दवाब में एक से बढक़र एक जनभावना के विपरित काम कर रहे हैं। प्रशाशन को केवल हिन्दू के पर्व देखते है, अन्य समुदाय के पर्व को भी झाकना चाहिए।