जमशेदपुर : जमशेदपुर स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब के संरक्षक अभय सिंह ने बताया कि कोरोना बैश्विक महामारी को लेकर इस बार दुर्गापूजा बिल्कुल सादगी एवं साधारण रूप से मनाई जाएगी ।
इस बार कोई भी थीम या भब्य पंडाल का निर्माण नही किया जाएगा , पंडाल बिल्कुल छोटा सा निर्माण होगा । जिसमे पूजा या अनुष्ठान सफल हो जाये साथ ही अचानकआये तूफान ,
साइक्लोन ,पानी ,बर्षा से बचा कर सके ।
पंडाल में केवल बैठने के लिए 25 चेयर कार्यकर्ताओं के लिए होगा ।
कार्यकर्ता सोसल डिस्टेंसिंग, मास्क , के साथ सेनेटाइजर की भी ब्यवस्था रहेगी । दुर्गापूजा की प्रतिमा 4 फीट के लगभग रहेगी।
दुर्गापूजा में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम नही होगा है।
मैदान पूरी तरह से सील रहेगी केवल मेम्बर छोड़कर आम जनता को आना प्रतिबंध रहेगा है,
किसी भी प्रकार का तोरण द्वार,स्टेज आदि के कार्यक्रम नही होगा ।
पंडाल के अंदर तक ही विद्युत ब्यवस्था रहेगी।
पंडित एवं यजमान की सोसल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा की विधि पूरी की जाएगी।
विसर्जन शोभा यात्रा किसी भी प्रकार की नही होगी।
षष्ठी कलश यात्रा में केवल पंडित और दो ब्यक्ति नदी जाकर जल को अपने निजी वाहन से लाएंगे।
तथा किसी भी तरह के अतिथि का स्वागत समारोह, उदघाटन समारोह या समापन समारोह का कार्यक्रम नही होगा ।
पूजा समिति ने जमशेदपुर की जनता से अपील की है कि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण आप काशीडीह पूजा पंडाल नही आये इस बार यहां केवल पारिवारिक पूजा तक सीमित रहेगी ।
काशीडीह में कोरोना के कारण 10 परिवार उजड़ गए जिसमे मेरे परिवार के एक चचेरे भाई भी शामिल है।
सारे सदस्यों ने कोरोना के कारण एक स्वर में कहा कि पूजा सांकेतिक हो और इस बार के भीड़ भाड़ से बस्ती कोरोना के चपेट में होगा और महामारी फैलेगी।
मैं जमशेदपुर के माननीय उपायुक्त से अपील है कि सरकार द्वारा दी गई गाइड लाइन जिसमे पंडाल में केवल 7 लोंग ही रहेंगे , जो स्वीकार नही ।सरकार द्वारा इसे कम से कम 50 लोंग रहे
जिससे चारो दिन क्रमवार एवं समयानुसार समय देकर अनुष्ठान को पूर्ण रूप से सफल कर सके ।
जिला प्रशासन से अपील है कि काशीडीह की अंदर प्रवेश चार मार्गो में बैरिकेडिंग लगाकर किसी भी प्रकार के वाहनों पर आने पर पूर्ण प्रतिबंध हो।
इसके लिए क्लब के सदस्य की एक टीम ट्रैफिक पुलिस एवं जिला प्रशासन से मिलेंगे ।
जमशेदपुर की आम जनो से मैं क्षमा प्रार्थी हूं कि इस बौश्विक महामारी कोरोना के कारण हमारे कार्यकर्ताओं एवं बस्ती के बुजुर्गों को मैं जान जोखिम में नही डाल सकता । यह निर्णय से सभी को थोड़ा दुख हो सकता है पर इस शहर के आम जनो के 500 से अधिक परिवार उजड़ गए ।