हजारीबाग ‘ शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के नाम बड़े और दर्शन छोटे रह गए हैं। हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है कि दो वर्षों तक एमसीआई का अप्रूवल नहीं मिल पाया। इससे 2 बैच के 200 छात्रों का नामांकन नहीं हो पाया। इसकी पुष्टि मंगलवार की रात एक गंभीर मरीज के पहुंचने के बाद घटी घटना क्रम से हुई है। इस घटनाक्रम के गवाह सदर विधायक के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी बने जिन्हें मरीज के लिए काफी मशक्कत करना पड़ा, बावजूद इसके मरीज को ना अस्पताल में चिकित्सक मिल पाए और ना ही इलाज हो पाया। अंत में मरीज को निजी हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।
मंगलवार को देर रात चानो निवासी जयनंदन सिंह को आपातकालीन स्थिति में उनके मित्र नगर पूर्वी भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज गुप्ता उर्फ बबन भैया लेकर यहां पहुंचे। हास्पिटल की कुव्यवस्था से निराश होकर विधायक के मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी को बुलाया। एचएमसीएच लाया गया तो यहां ट्रॉमा सेंटर जैसे संवेदनशील जगह के आपातकालीन वार्ड में लाइट का घोर अभाव देखा गया। रंजन चौधरी ने बताया कि हम सभी ने मोबाइल का लाइट दिखाकर उनका कैनुला लगवाया और इंजेक्शन करवाया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल जैसे आपातकालीन ओपीडी में पूरी रात महज एक चर्म रोग विशेषज्ञ के भरोसे छोड़ा जाना जरूरतमंद मरीजों के जिंदगी से खेलना ही है। उक्त मरीज का शुगर और बीपी बढ़ा हुआ था। ऐसे में इन्हें सख्त किसी जनरल फिजिशियन की आवश्यकता थी लेकिन यहां सिर्फ एक मात्र चर्म रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ. राजकुमार अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। उन्होंने जरूरत का सुई- दवाई कर इलाज में असमर्थता जताते हुए बेहतर इलाज के लिए किसी फिजीशियन से संपर्क करने को कहा। जिसके बाद हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल के सहयोग से परिजन मरीज को बेहतर इलाज के लिए शहर के आरोग्यम हॉस्पिटल में ले गए। इस मामले में एचएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ.विनोद कुमार को अवगत कराते हुए तत्काल हॉस्पिटल के आपातकालीन वार्ड में लाइट व्यवस्था में सुधार करने और आपातकालीन ओपीडी में एक सर्जन और एक फिजिशियन को ड्यूटी रोस्टर में डालते हुए जनहित में व्यवस्था परिवर्तित करने की मांग की गई। उन्होंने आश्वस्त किया कि व्यवस्था में जल्द बदलाव होगा।