शारदीय नवरात्रि की नवमी 14 अक्टूबर को, कन्या पूजन भी होता है

37

जमशेदपुर :इस बार शारदीय नवरात्रि की नवमी 14 अक्टूबर को है। ये नवरात्रि पूजा का आखिरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजा करने के बाद हवन किया जाता है। कई लोग नवमी के दिन कन्या पूजन भी करते हैं। नवरात्रि की महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। जानिए महानवमी पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, कन्या पूजन का तरीका सभी जरूरी जानकारी यहां।

नवरात्रि नवमी पूजा मुहूर्त : नवमी तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगी और इसकी समाप्ति 14 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 52 मिनट पर होगी। पंचांग अनुसार ब्रह्म मुहूर्त 04:42 सुबह से 05:31 सुबह तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त 11:44 सुबह से 12:30 दोपहर तक रहेगा और 14 अक्टूबर को सुबह 9:36 बजे से लेकर पूरे दिन रवि योग भी रहेगा।
महानवमी पर ऐसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा: नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की पूजा शुरू करें। मां को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के फूल-फल आदि चढ़ाएं। फिर धूप-दीप दिखाकर उनकी आरती उतारें। मां के बीज मंत्रों का जाप करें। कहते हैं मां के इस स्वरूप की अराधना करने से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
नवमी कन्या पूजन विधि : कन्या पूजन 2 साल से लेकर 10 साल तक की कन्याओं का किया जाता है। ये कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। शुभ मुहूर्त में नवमी पूजा करके कन्या पूजन किया जाना चाहिए। कन्या पूजन में सबसे पहले कन्याओं के पैर धोएं। संभव हो तो उन्हें लाल रंग के वस्त्र भेंट करें। फिर उनके माथे पर कुमकुम लगाएं। हाथ में कलावा बांधें। फिर सभी कन्याओं और एक बालक को भोजन कराएं। ध्यान रखें कि भोजन में हल्वा, पूड़ी और चना जरूर शामिल करें। क्योंकि ये भोजन माता का प्रिय माना जाता है। फिर श्रद्धानुसार भोजन कराकर सभी कन्याओं का पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। अगर नौ कन्याओं का पूजन संभव न हो तो आप दो कन्याओं का पूजन भी कर सकते हैं।

महानवमी पर कैसे करें हवन
हवन के लिए जरूरी सामग्री- आम की लकड़ी, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, अश्वगंधा की जड़, कपूर, लौंग, बहेड़ा का फल और हर्रे तथा घी, शकर, जौ, चावल, ब्राम्ही, मुलैठी की जड़, तिल, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है। हवन के लिए गाय के गोबर से बने छोटे-छोटे उपले घी में डुबोकर डाले जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भूमि पेडनेकर और समीक्षा ने फोटो शेयर की, लोगो ने सराहना की

Thu Oct 14 , 2021
जमशेदपुर/मुम्बई :भूमि पेडनेकर और समीक्षा ने शेयर की फोटो, फैन्स बोले- क्वीन सुंदर दिख रही हो बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर और उनकी बहन समीक्षा पेडनेकर हाल ही में ये फोटो जारी किया है।

You May Like

फ़िल्मी खबर