पेट की आग बुझायी ,नही दिया किराया
बुजुर्ग शेखर परिवार के साथ हाउसिंग की जमीन पर जमाया डेरा-कहा भगवान देखे है
जमशेदपुर : कोरोना महामारी की वजह से लगा लॉकडाउन में काम छूटा, फैक्टरी से नाता टूटा। किराया देने में अक्षम परिवार को मकान मालिक ने निकाला। अब दो बच्चों व पत्नी के साथ शेखर कुमार गोविंदपुर तीन तल्ला चौक के खाली जमीन पर डेरा जमाया। बुजुर्ग शेखर का कहना है कि बदहाल परिवार का यह आश्रयस्थली है। यह परिवार अपने दो बच्चों व पत्नी के साथ बुधवार दोपहर में घर का पूरा सामान के साथ भोजपुरी संघ के ऑफिस के पीछे खाली हाउसिंग की खाली जमीन पर डेरा जमा लिया है। शेखर का कहना है कि 40 साल पहले से इस जमीन पर उनकी दावेदारी है। यहां उनक दुकान था।इसे कोई झुठला नही सकता है।बुधवार को जब वे अपने परिवार के साथ जिसमें पत्नी अंजु देवी, बड़ी बेटी अस्मिता, बेटा अंकुश के साथ यहां बैठे तो लोगों को अजीब लगा। गुरुवार को स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण का आरोप लगाकर शेखर के परिवार को वहां से जाने को कहा, परंतु वे अपने फैसले पर अड़े रहे। कहा सुनी के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंचकर मुआयना कर चलते बने। शेखर कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते पूरा परिवार बदहाल हो गया है। सीमेंट कंपनी में काम छूाटा। गोविंदपुर में मशाला का कारोबार बंद हो गया। भोला बगान मेंकिराये में रह रहे थे। परंतु किराये चुकाby
ने में असमर्थ होने के बाद मकान मालिक ने निकाल दिया वे कहते हंै कि यहीं खाली भूखंड पर बांस बल्ली से घर बनाकर दुकानदारी कर जीवन यापन करेंगे। जहां कई लोग विरोध कर रहे हैं तो कई लोग उनके समर्थन में उतर रहे.
स्थानीय लोगों ने की थाना व एसडीओ को की शिकायत
अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए शेखर एंड फैमिली पर यहां से चले जाने को कहा. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने पहले गोविंदपुर थाना उसके बाद एसडीओ से की है. बावजूद इसके वे शेखर का परिवार खुले मैदान में जमे रहे है ।