अफगानिस्तान के मामले पर भारतीय जन महासभा ने बुधवार वर्चुअल मीटिंग करके अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की

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जमशेदपुर : अफगानिस्तान के मामले पर भारतीय जन महासभा ने बुधवार दिनांक 1 सितंबर 2021 को वर्चुअल मीटिंग करके अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की । इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि दुनिया के देशों ने अफगानिस्तान को तालिबान के द्वारा कब्जा हो जाने दिया और इस मामले पर चुप्पी जैसी ही बनाए रखी । यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है ।
कहा कि इस प्रकार आतंकवाद को बढ़ावा मिला है ।

मीटिंग में अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे और जो विचार सामने आए उनके अनुसार अफगानिस्तान को तालिबानी आतंक से बचाने के लिए अमेरिका ने 20 वर्ष पूर्व अपनी सेना अफगानिस्तान भेजी थी । 4 राष्ट्रपति बदल गए और वर्तमान के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सेना वापस बुलाकर अफगानिस्तान को मौत के मुंह में धकेलने का काम किया है ।

अमेरिका ने सारे विश्व में आतंक को बढ़ावा देने वाले तालिबान को सर उठाने का मौका देकर भारी भूल की है । इसकी सारे विश्व के देश भत्सर्ना कर रहे हैं । मीटिंग में यह भी विचार आया कि अगर अपने पड़ोस के मकान को कोई और लोग आकर कब्जा कर ले और जो आस-पास के पड़ोसी है , वह सभी इस मामले पर चुप्पी साधे रहे तो क्या यह उचित है ? इस पर विचार होना चाहिए । अफगानिस्तान के आसपास के जितने भी देश है , उन सब को चाहिए था कि तालिबान के द्वारा अफगानिस्तान को कब्जा ना होने दें और तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ कर अफगानिस्तान की सरकार को बचाना था । लेकिन ऐसा नहीं ऐसा हुआ । यह बहुत ही दुखद रहा । सबसे अधिक दुखदाई तो यह बात रही कि पाकिस्तान ने तालिबान को समर्थन दिया और अफगान सरकार को पदच्युत करने में अहम भूमिका निभाई ।

पाकिस्तान यह भूल गया कि जिस तालिबान का आज उसने साथ दिया है , कल वह उसको भी सत्ता से बेदखल करेगा और वहां भी शरिया कानून के बहाने मुस्लिम औरतों पर अत्याचार करेगा । मीटिंग में यह भी विचार आया कि अफगानिस्तान की सीमा ईरान , पाकिस्तान , कजाकिस्तान , चीन और तुर्कमेनिस्तान के साथ लगी हुई है ।
इस प्रकार चीन भी आतंक से अछूता नहीं रहेगा । कहा गया कि कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान यह दोनों देश कभी सोवियत संघ में घटक रहे हैं । इनके बहाने रूस को भी इस आतंक से जूझना पड़ सकता है ।

अफगानिस्तान मुद्दे पर भारत सीधे दखलंदाजी से बचे, लेकिन काफी सतर्क रहे । तालिबान बाद में चीन और पाकिस्तान को तो डसेगा ही , उससे पहले पाकिस्तान तालिबान की मदद से भारत को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है । ध्यान देने योग्य है कि भारत पर हमले में चीन की अप्रत्यक्ष भागीदारी हो सकती है । इस मीटिंग के द्वारा भारतीय जन महासभा ने दुनिया के सभी देशों से अपील की हैं कि तालिबान को कोई भी देश मान्यता न दे । उसके साथ व्यापारिक संबंध न रखें। आयात-निर्यात को बंद रखें । इस प्रकार का कुछ करें कि वह वापस अफगानिस्तान के लोगों को सत्ता सौंप दें । तभी दुनिया के देश सुख-चैन से रह सकेगे । इस गूगल मीटिंग में देश-विदेश के अनेक लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें जमशेदपुर से श्री पोद्दार के अलावे प्रमोद कुमार खीरवाल ,
पाकुड़ से कृष्णा कुमार साहा, गोड्डा झारखंड से वासुदेव पंडित , गिरिडीह से डॉ ममता बनर्जी ‘मंजरी’, सिंगापुर से श्रीमती बिदेह नंदनी चौधरी , नागपुर से अनुसूया अग्रवाल , जींद (हरियाणा) से पवन कुमार सिंगला , बेंगलुरु से प्रमिला अय्यर , प्रयागराज से आशुतोष गोयल , रानीगंज (प० बं०) से गणेश कुमार भरतिया , नई दिल्ली से आनंद मधुकर
एवं अन्य लोग सम्मिलित थे । यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई है ।

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