सरयू राय ने गुरुवार को अपने विधायक बनने के एक साल का अनुभव सांझा किया

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जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने आज गुरुवार को अपने निवास स्थल पर एक प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने अपने विधायक बनने के एक साल का अनुभव सांझा किया, जिसमे उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन (7 जनवरी, 2020) को झारखंड विधानसभा में जमशेदपुर पूर्व विधान सभा क्षेत्र के विधायक के रूप में मेरा शपथ ग्रहण हुआ था और मैंने इस क्षेत्र के जन प्रतिनिधि के रूप में विधायी कार्य आरम्भ किया था. मुझे ऐतिहासिक जीत दिलाकर इस क्षेत्र की महान जनता ने संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में एक कीर्तिमान स्थापित किया है. इसके लिये मैं अपने क्षेत्र के मतदाताओं एवं समर्थकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ और उन्हें आश्वस्त करता हूँ कि झारखंड विधानसभा में उनके प्रतिनिधि विधायक के रूप में मैं उन्हें निराश नही करूंगा और एक भी ऐसा काम नहीं करूँगा जिससे जमशेदपुर पूर्व क्षेत्र की जनता को शर्मिंदा होना पड़े. अपने विधानसभा क्षेत्र में जनहित, जनसेवा और विकास के कार्यों के निष्पादन की कसौटी पर हमेशा खरा उतरने का प्रयास करूँगा.
मैं हर जगह, हमेशा कहता हूँ और पूरा देश स्वीकार करता है कि 7 दिसंबर 2019 को हुए विधानसभा के चुनाव में (जिसका नतीजा 23 दिसंबर 2019 को आया और शपथ ग्रहण 7 जनवरी 2020 को हुआ) हुई जीत मेरी जीत नहीं बल्कि जमशेदपुर पूर्व क्षेत्र की महान जनता की जीत है. इस चुनाव में जमशेदपुर पूर्व की महान जनता ने एक बार फिर 1977 में इमरजेंसी के दौरान हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों की याद ताजा कर दिया था. यह जीत और यह विधायक पद जमशेदपुर पूर्व क्षेत्र की आम जनता को समर्पित है.
मुझे अपने दायित्व का पूरा एहसास है, अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति भी और पूरे राज्य की जनता के प्रति भी. जब कभी सत्ता बौरा जाती है, बर्बर हो जाती है, सेवक का नकाब ओढे़ शासक दम्भी हो जाता है तो जनता उसे रास्ते पर ला देती है, उसे उसकी जगह बता देती है। गत विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र की इस विशेषता को जमशेदपुर पूर्व की जनता ने, कोल्हान की जनता ने और कमोबेश पूरे राज्य की जनता ने चरितार्थ किया है, एक सबक सिखाया है. गत एक वर्ष में विधायी कार्यों का निष्पादन करते समय मैने इस सबक की कसौटी पर और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने का भरसक प्रयत्न किया है.
7 जनवरी 2020 को विधानसभा में शपथ ग्रहण के उपरांत पंचम झारखंड विधानसभा का पहला बजट सत्र 28 फरवरी 2020. को आरम्भ हुआ. इसे 28 मार्च 2020तक चलना था. परंतु कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण बजट सत्र 23 मार्च 2020 को ही समाप्त करना पड़ा. इस बजट सत्र में मैंने जमशेदपुर पूर्व के प्रतिनिधि के रूप में जनहित के अनेक मुद्दों को उठाया. ये मुद्दे राज्य में विकास और सुशासन से संबंधित भी थे और अपने क्षेत्र की समस्याओं से संबंधित भी थे. मेरे कई सवालों पर सरकार ने जाँच का आश्वासन दिया, कई सवालों पर सरकार को निरूत्तर होना पड़ा, कइयों के संतोषजनक जवाब सरकार नहीं दे पाई. विधान सभा में मैंने 34 प्रश्न किया, जिसमें से 24 का जवाब सरकार ने दिया। शेष 10 के जवाब के लिये मैंने अलग से विधानसभा के अध्यक्ष से अनुरोध किया है। विधान सभा सत्र के दौरान मैंने भरपूर कोशिश की कि चुनाव के समय मैंने जो कहा था उसपर अमल करूँ. मेरी यह कोशिश आगे भी जारी रहेगी.
कोविड-19 के कारण विधान सभा के बजट सत्र 2020 को बीच में ही स्थगित करना पड़ा. प्रधान मंत्री ने 24 मार्च 2020 को पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया. लॉक डाउन के समय में सारी गतिविधियाँ बंद हो जाने के कारण आम जनता विशेषकर आर्थिक दृष्टि से कमजोर और दिहाड़ी एवं ठेका मजदूरों आदि जैसे रोज कमाने खाने वालों के समक्ष अकल्पनीय कठिनाइयाँ उत्पन्न हुई. ऐसे समय भारतीय जन मोर्चा एवं स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के तत्वावधान में जमशेदपुर पूर्वी एवं पश्चिमी क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों के लिये दोनों शाम पके एवं कच्चे भोजन सामग्रियाँ उपलब्ध कराने का काम लगातार 3 माह तक चला. इसमें युवा कार्यकर्ताओं ने परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रदर्शन किया. साथ ही प्रवासी मजदूरों की सहायता की गई. अन्य राज्यों में फँसे श्रमिकों, छात्रों एवं अन्य को प्रशासन की मदद से जमशेदपुर लाने और जमशेदपुर में फँसे लोगों को बाहर भेजने की व्यवस्था की गई.
गत एक वर्ष में हमने महसूस किया है कि जमशेदपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं का भंडार है। पचास हजार से अधिक परिवारों तक पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति बदतर है। स्वास्थ्य सुविधा लचर है। कानून व्यवस्था के क्षेत्र में दबंगई का वातावरण बना हुआ

है। समाज कल्याण के कार्यों की गुणवत्ता अधर में है। औद्योगिक क्षेत्र, जन सरोकार के कार्य से दूर है। इनकी प्राथमिकता जनहित नहीं बल्कि चुनिंदा लोगों के परिवार के लिए रोजगार हित हो गयी है। श्रमिकों की कोई सुनवाई नहीं है। श्रमिक संघ के पदाधिकारी भी अनावश्यक विलंब के शिकार हो रहे हैं। प्रत्यक्ष एवं अप्रतयक्ष रोजगार सृजन में इनकी रूचि नहीं है। कंपनियों के द्वारा दी जाने वाली जनसुविधाओं का कोई नियामक तंत्र नहीं है। इन सभी क्षेत्रों मेें हलात बदलने की दिशा में हमने कारवाई किया है। जनसुविधाओं के लिए विकास आयुक्त को नोडल पदाधिकारी बनाने का मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है। मैंने यह शक्ति कोल्हान कमिश्नर को देने का सुझाव दिया है। सरकारी विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की योजनायें तैयार हो रही है। मुहल्लों में क्लिनिक बनाने, बने क्लिनिकों को सक्रिय करने तथा जुस्को द्वारा संचालित क्लिनिकों को उपयोगी बनाने के लिये सिविल सर्जन एवं जुस्को के साथ संपर्क जारी है। एमजीएम अस्पताल की स्थिति सुधारने का दायित्व स्थानीय स्वास्थ्य मंत्री पर है। इसे सुधारने में उन्हें सक्रिय सहयोग किया जायेगा।
छायानगर से बाबूडीह-लालभट्टा का क्षेत्र जनसुविधाओं के मामले में काफी पीछे है। गत एक वर्ष में मैंने इस क्षेत्र का अध्ययन किया है। हमने इस क्षेत्र को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप मे ंचिन्हित किया है। वर्तमान वर्ष में यहाँ पानी, स्वच्छता, जल निकासी का बंदोबस्त करना हमारी प्राथमिकता है। बासगीत जमीन पर मालिकाना हक दिलाने, जमशेदपुर अक्षेस की जगह वैधानिक नगर निगम या औद्योगिक नगर बनाने की दिशा में काफी प्रगति है। मेरा प्रयास है कि सभी घरों/मकानों को प्रथम चरण में होल्डिंग नम्बर मिल जाय। पूर्ववर्ती सरकार के उलजुलूल निर्णयों से यह समस्या जटिल हो गयी है। हाट-बाजारों की व्यवस्था ठीक करना एक बड़ी चुनौती है। व्यवसायियों एवं व्यवसायिक संगठनों के सहयोग से इस व्यवस्था को ठीक करने की योजना बन रही है।
जमशेदपुर आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों का शहर है। इसका लाभ सामान्य जन तक पहुँचे इसके लिये कोख में अमीरी और गोद में गरीबी की स्थिति बदलने का प्रयास कुटीर, लघु, माध्यम एवं बड़े उद्योगों के बीच यथा संभव समन्वय के माध्यम से किया जायेगा। शहर की कानून व्यवस्था सुधरे, औद्योगिक अपराधों को सफेद पोशों का संरक्षण बंद हो तथा यहाँ रहने वाले विभिन्न समुदाय को सामाजिक, शैक्षणिक-सांस्कृतिक, आध्यात्मिक परिवेश को खुशहाल बनाने की दिशा में कार्य होगा।
सरकार की शहरी गरीबी उन्मूलन योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने और 14वें एवं 15वें वित्त आयोग की सहायता जमशेदपुर को नहीं मिलने से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिये तथा इसके लिये बजट में विशेष अनुदान का प्रावधान करने के लिए मेरी वार्ता मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री से हुई है। साथ ही शहर का वातावरण सुधारने, बड़े वाहनों की बेतरतीब पार्किंग करने, नदी तट एवं नदी जल की स्थिति सुधारने तथा घनी आबादी वाले बस्ती क्षेत्रों की स्थिति ठीक करना मेरी अगले वर्ष की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिये सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, औद्योगिक संगठनों और साहित्यिक संस्थाओं, कलाकर्मियों के बीच समन्वय स्थापित किया जायेगा।
संक्षेप में शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण तथा युवा-सामाजिक-साहित्यिक-कला क्षेत्र का उन्नयन हमारी अगले एक साल की गतिविधियों का केन्द्र बिंदु होगा। समाज कल्याण क्षेत्र में पेंशनधारियों, वरिष्ठ नागरिकों, दैनिक वेतन भोगियों, बेरोजगारों की सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने तथा इनमें अभिवृद्धि करने की कोशिश होगी। इसके अलावा अल्पवेतन भोगी समुदायों की स्थिति सुधारने का प्रयास हमारी प्राथमिकता रहेगी।

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