नए कृषि विधेयक पर बोले सांसद, कहा किसानों के आय को दोगुना करने की दिशा में मोदी सरकार का सराहनीय प्रयास

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भाजपा कार्यकर्ता किसानों व अमजनों तक पहुंचाएंगे कृषि बिल के पत्रक, बताएंगे फायदे

मुद्दाविहीन विपक्ष अपनी खोई राजनीतिक जमीन तलाशने को कृषि विधेयक का कर रहा विरोध: विद्युत वरण महतो।

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जमशेदपुर: केंद्र सरकार द्वारा कृषि एवं किसानों के सशक्तिकरण के लिए पारित किए गए तीन महत्वपूर्ण कृषि विधेयक आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, किसान व्यापार और वाणिज्य(संवर्धनऔरसरलीकरण)
किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक की खूबियां बताते हुए सांसद विद्युत वरण महतो ने प्रेस को संबोधित किया। बुधवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में बिस्टुपुर सांसद कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद विद्युत वरण महतो ने नए कृषि विधेयक की सराहना करते हुए इसे किसानों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनेंगे। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पहले कार्यकाल से ही किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं के बजाए पीएम नरेंद्र मोदी का जोर कृषि क्षेत्र को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। संसद में पारित कृषि विधेयकों से अन्नदाता किसानों को 70 साल बाद बिचौलियों के चुंगल से आजादी मिली है। अब हमारे किसानों को अपनी उपज अपनी इक्षा के अनुसार मूल्य पर देश में कहीं बेचने की आजादी मिलेगी। पहले किसान भाइयों का बाजार मंडी तक सीमित था, उनके खरीददार सीमित थे, उनके पास विकल्प सीमित था। जिस कारण उन्हें अधिक परिवहन लागत, लंबी कतार, नीलामी में देरी और स्थानीय माफियाओं की मार झेलनी पड़ती थी। नए कृषि विधेयक से निजी निवेश बढ़ेगा जिनसे कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास होंगे एवं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अन्नदाता किसान के सशक्त होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी। मोदी सरकार न किसानों के लिए एक देश-एक बाजार का सपना पूरा किया।

◆ प्रेस वार्ता की बड़ी बातें:
पारित कृषि विधेयक राज्यों की अधिसूचित मंडियों के अतिरिक्त राज्य के भीतर एवं बाहर देश के किसी भी स्थान पर किसानों को अपनी उपज निर्वाध रूप से बेचने के लिए अवसर एवं व्यवस्थाएं प्रदान करेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद पूर्व की भांति जारी रहेगी। मंडियां समाप्त नहीं होगी, मंडियों में व्यापार पहले की तरह चलता रहेगा। किसानों को मंडी के साथ अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा।
किसानों को अपने उत्पाद के लिए कोई उपकर नहीं दिना होगा और उन्हें माल दुलाई का खर्च भी वहन नहीं करना होगा। विधेयक किसानों को ई-ट्रेडिंग मंच उपलब्ध कराएगा। किसान खरीददार से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों को मिलने वाले लाम के बजाए किसानों को उनके उत्पाद की पूरी कीमत मिल सके। किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाईसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम भी मिलेंगे।

सांसद विद्युत वरण महतो ने काँग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मुद्दा विहीन विपक्ष कृषि विधेयक पर किसानों को दिग्भ्रमित कर अपने खोई राजनीतिक जमीन तलाश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का किसान खुशहाल है। राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने प्रदेश के किसानों को समृद्ध बनाने हेतु कृषि आशीर्वाद योजना प्रारंभ कर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। परंतु झामुमो महागठबंधन की सरकार ने सत्ता में आते ही इन सफल योजनाओं को बंद कर किसानों की तरक्की के रास्ते बंद कर दिए। ऐसे स्वार्थी दलों का ढोंग किसान भलीभांति समझते हैं।

प्रेस वार्ता में प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा, भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष मुचीराम बाउरी, कृषि विधेयक के कोल्हान प्रभारी विजय तिवारी उपस्थित थे।

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