जमशेदपुर: सिखों के ऐतिहासिक गुरुद्वारों की सेवा संभाल करने वाली संवैधानिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस जी पी सी) अपने स्थापना के एक सौ साल पूरे कर रही है और इस मौके पर अमृतसर में समारोह आयोजित हो रहा है।
इसमें शामिल होने के लिए तखत हरिमंदिर साहब प्रबंधन कमेटी पटना के उपाध्यक्ष सरदार इंद्रजीत सिंह को भी आमंत्रण मिला है और वे हवाई मार्ग से प्रस्थान कर गए।
सरदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सिखों के सभी महान गुरुद्वारे पहले महंतों के कब्जे में थे और वहां आडंबर पूर्ण व्यवस्था थी। महान गुरुओं की परंपरा एवं विरासत को बनाए रखने के लिए वर्ष 1920 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना की गई और सरदार सुंदर सिंह मजीठिया इसके पहले अध्यक्ष बने।
उनके नेतृत्व में गुरुद्वारा सुधार लहर चला और कुर्बानियां देकर ऐतिहासिक गुरुद्वारों की सेवा संभाल करने का अवसर वाहेगुरु ने प्रदान किया।
अकाली दल के आंदोलन के आगे ब्रिटिश सरकार झुकी और 1925 में पार्लियामेंट से गुरुद्वारा एक्ट 1925 कानून बना। इसमें देश के सभी गुरुद्वारों के नियंत्रण का प्रावधान रहा परंतु उसे व्यवहारिक रूप से लागू नहीं किया जा सका।
पंजाब हिमाचल हरियाणा जम्मू कश्मीर के सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों की देखरेख एसजीपीसी कर रही है।
एसजीपीसी ने सिख कौम से जुड़े शिक्षा एवं जनकल्याण के मामलों के साथ ही सिख पंथ के प्रचार प्रसार में व्यापक एवं एतिहासिक भूमिका अदा की है।
उन्होंने बताया कि रविवार को श्री अकाल तक साथ में अखंड पाठ रखा गया है और इसका भी मंगलवार को डाला जाएगा उसके उपरांत स्वर्ण मंदिर दरबार साहिब कांप्लेक्स स्थित मंजी साहब दीवान हाल में पंत के महान जत्थेदार, एवं धार्मिक आगु अपनी बातों को रखेंगे।