जमशेदपुर : जमशेदपुर के मेडिका अस्पताल की सेवा बंद होने से कर्मियों के समक्ष अचानक से बेरोजगारी की स्थिति उतपन्न हो गई है, वहीं दूसरी ओर जमशेदपुर सहित आसपास के मरीजों के सम्मुख स्वास्थ्य संकट आन पड़ी है। हज़ारों मरीज़ मेडिका के चिकित्सकीय सेवाओं पर आश्रित थें। यह एक गम्भीर मामला है तथा इस झारखंड सरकार को निशाने पर लेते हुए पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने मेडिका अस्पताल के बंद होने का ठीकरा राज्य सरकार के मत्थे फोड़ा है। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में भी मेडिका प्रबंधन ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि झारखंड सरकार के एक मंत्री की ब्लैकमेलिंग से त्रस्त होकर अस्पताल प्रबंधन ने जमशेदपुर से अपनी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है। दिनेश कुमार ने कहा कि कोरोना संकट काल में मेडिका बंद होने से मरीजों की स्थिति असहज होगी और टीएमएच जैसे बड़े अस्पताल और छोटे क्लिनिक पर बोझ बढ़ेगा। अचानक से बेरोजगार हो गये अस्पताल कर्मी और सुरक्षाकर्मियों के आशय में भी भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने चिंता ज़ाहिर किया। कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार ने मेडिका अस्पताल को आयुष्मान भारत से जोड़ा था जिससे अबतक लाखों ग़रीब और मध्यम वर्गीय मरीज लाभान्वित हुए थे। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को यदि चारा घोटाले में सज़ा भुगत रहे बड़े नेता के सेवा और सत्कार से यदि फ़ुर्सत मिले तो जमशेदपुर की जनता और चरमराई स्वास्थ्य सेवा पर भी ध्यान दी जानी चाहिए। उन्होने फ़िर दुहराया की जेएमएम अपनी कार्यसंस्कृति से “जनता मुश्किल में” नाम को सार्थक बना रही है।
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